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Punjab news: गुरमीत राम रहीम के खिलाफ CBI की याचिका, 2002 हत्या मामले में नया मोड़

Punjab news: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुसीबतें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 2002 में हुए रंजीत सिंह हत्या मामले में राम रहीम को मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी किया है और राम रहीम सहित पांच अन्य लोगों से जवाब मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका पर नोटिस जारी किया

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने CBI की याचिका पर जवाब देने के लिए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और चार अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किया। CBI की याचिका में 2002 के हत्या मामले में राम रहीम की बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ अपील की गई थी। इस मामले में, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती दी जा रही है, जिसमें राम रहीम और चार अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया था।

2002 के रंजीत सिंह हत्या मामले का संक्षिप्त विवरण

यह मामला 10 जुलाई 2002 का है, जब रंजीत सिंह, जो कि डेरा सच्चा सौदा का पूर्व सदस्य और प्रबंधक था, अपने गांव के पास खेतों में काम कर रहा था। उसी दौरान उसकी हत्या कर दी गई। हत्या के आरोप में गुरमीत राम रहीम और अन्य चार व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया था। हालांकि, पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी। रंजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा का पूर्व सदस्य था, और उसकी हत्या को लेकर कई सवाल उठे थे।

Punjab news: गुरमीत राम रहीम के खिलाफ CBI की याचिका, 2002 हत्या मामले में नया मोड़

इस मामले में, राम रहीम और अन्य चार अभियुक्तों को पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था। हाई कोर्ट ने विशेष CBI कोर्ट द्वारा राम रहीम और अन्य आरोपियों के खिलाफ दिए गए फैसले को खारिज कर दिया और उन्हें निर्दोष करार दिया। इस फैसले के बाद CBI ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का राहतपूर्ण आदेश

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने मई 2024 में विशेष CBI अदालत के फैसले को रद्द करते हुए राम रहीम और चार अन्य आरोपियों को हत्या के मामले में बरी कर दिया था। इस फैसले के बाद, इन पांचों आरोपियों को राहत मिली थी। इससे पहले, पंचकूला की विशेष CBI कोर्ट ने इस मामले में पांचों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रभर की सजा सुनाई थी और 31 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। विशेष अदालत ने यह फैसला मई 2023 में सुनाया था, लेकिन बाद में इसे चुनौती दी गई और हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।

CBI का सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करना

CBI ने अब इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। CBI का कहना है कि हाई कोर्ट का फैसला न्यायपूर्ण नहीं था और इस मामले में न्याय की सटीकता की जरूरत है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर नोटिस जारी किया है और राम रहीम और अन्य चार आरोपियों से जवाब मांगा है।

गुरमीत राम रहीम का वर्तमान स्थिति

गुरमीत राम रहीम वर्तमान में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे हैं। उन्हें 2017 में साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिया गया था, जिसके बाद उन्हें उम्रभर की सजा सुनाई गई थी। राम रहीम की गिरफ्तारी और उसके बाद की घटनाएं मीडिया में खासे चर्चित रही थीं। उन्हें जेल में रहते हुए कई विवादों का सामना करना पड़ा और उनके खिलाफ कई आरोप सामने आए हैं।

इसके बावजूद, राम रहीम के समर्थक अभी भी उनके साथ हैं और वे उन्हें भगवान का अवतार मानते हैं। वहीं, उनके विरोधी उन्हें कानून के खिलाफ और समाज के लिए खतरे के रूप में देखते हैं। राम रहीम की जेल में सजा और हत्या मामले में बरी किए जाने के बाद के घटनाक्रमों ने एक नया मोड़ लिया है।

क्या होगा अगला कदम?

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई CBI की याचिका में इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि हाई कोर्ट का निर्णय बदला जाएगा। यदि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया, तो राम रहीम और अन्य आरोपियों को फिर से सजा हो सकती है। इसके अलावा, यदि सुप्रीम कोर्ट ने CBI की याचिका को खारिज कर दिया, तो राम रहीम और उनके साथियों को राहत मिल सकती है।

इस मामले में एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह फैसला सिर्फ राम रहीम और उसके समर्थकों के लिए ही नहीं, बल्कि समाज और राजनीति में भी एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। राम रहीम के प्रभावशाली समर्थक वर्ग और उनके खिलाफ उठने वाली कानूनी कार्रवाइयां भारतीय न्याय व्यवस्था पर और भी दबाव डालेंगी।

गुरमीत राम रहीम के खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों और CBI की याचिका ने एक बार फिर उनकी मुसीबतों को बढ़ा दिया है। 2002 के रंजीत सिंह हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका यह दर्शाती है कि इस मामले में अब भी अंतिम निर्णय बाकी है। यह मामला न सिर्फ राम रहीम के लिए, बल्कि देशभर के कानूनी और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में भी महत्वपूर्ण होगा। आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के बाद ही इस मामले की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

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